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Lockdown के बीच पहली Passenger Train मज़दूरों को लेकर Telangana से Jharkhand के .


नमस्कार दोस्तों कोरोना वायरस की वजह से देश भर में लाग डाउन है। और सामान्य रेल सेवाएं पूरी तरह बंद है। लेकिन इस बीच तेलंगाना से झारखंड के बीच एक विशिष्ट गाड़ी चलाई गई। शुक्रवार सवेरे 4:50 पर तेलंगाना के लिंगमपल्ली से ट्रेन रवाना हुई। जो झारखंड के हटिया तक जाएगी। इस ट्रेन में 12 सो प्रवासी मजदूर सवार हैं। आरपीएफ डीजी के मुताबिक इस रेलगाड़ी में कुल 24 डिब्बे हैं। रेलवे ने अपनी तरफ से इस ट्रेन को लेकर कहा शुक्रवार सुबह।

तेलंगाना सरकार की अपील और रेल मंत्रालय के निर्देशों। के तहत लिंगमपल्ली से रांची के लिए हटिया तक एक स्पेशल ट्रेन चलाई गई। इसके लिए सभी तरह की जरूरी सावधानियां बरती गई। जैसे यात्रियों की पहले स्क्रीनिंग की गई स्टेशन और ट्रेन पर कुशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया। इस तरह की यह पहली स्पेशल ट्रेन है। और आगे इस तरह की ट्रेन चलाने की योजना रेल मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर ही बनाई जाएगी। साथ ही यहां से ट्रेन निकलेगी और जहां पहुंचेगी उन राज्यों की अपील पर भी निर्भर करेगा केंद्र सरकार ने।

मजदूरों छात्रों टूरिस्ट और तीर्थ यात्रियोंराज्यों में फंसे

दोस्तों प्रबंधन अधिनियम में बदलाव करते हुए। राज्यों में फंसे मजदूरों छात्रों टूरिस्ट और तीर्थ यात्रियों को बसों के जरिए अपने अपने राज्य लौटाने की योजना बनाई थी। लेकिन तब रेल का जिक्र नहीं हुआ था। ऐसे में सवाल उठा कि एक-दो दिन में अचानक या बदल गया। दरअसल गृह मंत्रालय के आदेश के तुरंत बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रेस वार्ता में साफ किया था। कि हर राज्य में फंसे मजदूरों छात्रों टूरिस्ट और तीर्थयात्रियों को अकेले लाने में उनका राज्य सक्षम नहीं है। उनके पास सीमित संसाधन है। और ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन भी नहीं है।

अगर हम कहीं से व्यवस्था भी करते हैं। तो हमें अपने मजदूरों को लाने में 6 महीने का वक्त लग जाएगा। इतना को लेकर हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की थी और इसकी जानकारी ट्विटर पर भी दी। फिलहाल इस पर रेल मंत्रालय विचार विमर्श कर रहा है। कि क्या तेलंगाना और झारखंड की तरह दूसरे राज्यों। के बीच में ट्रेन चलाई जानी चाहिए। लोगों को एक साथ लेकर चलने वाली ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का इंतजाम कैसे किया जाएगा ट्रेन है।

72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होती है। लेकिन इस स्पेशल ट्रेन में एक कोच में से 50 लोगों को बैठा कर ले जाया जा रहा है। ट्रेन की शुरुआत की तस्वीरें समाचार एजेंसी ने भेजी है। जिसके मुताबिक ट्रेन के डिब्बों में मिडिल बर्थ नहीं है। इस ट्रेन को हर स्टेशन पर रुकने की इजाजत भी नहीं दी गई है। यह नॉन स्टॉप ट्रेन है। जो सिर्फ ऑपरेशनल हॉल्ट ही लेगी ट्रेन में पैसेंजर को खाना और पानी मुहैया कराया जाएगा। इन जगहों पर ही बिलासपुर रायगढ़ झाड़सुगुड़ा होते हुए हटिया पहुंचेगी। लोगों की सुरक्षा। में आरपीएफ के जवानों को तैनात भी किया गया है। वह भी हाथों में दस्ताने और मास्क पहने रहेंगे।

झारखंड के हटिया पहुंचने पर सभी पैसेंजर की दोबारा एक ट्रेनिंग होगी जरूरत। के हिसाब से पैसेंजर को होम क्वॉरेंटाइन या अस्पताल में क्वालिटी में भेजने की व्यवस्था की जाएगी। राज्य सरकार को इन। मजदूरों के ब्लड चेकअप की व्यवस्था भी करनी होगी। रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक भविष्य में। ऐसी और स्पेशल ट्रेन चलाई जाएंगी। या नहीं इस पर फिलहाल विचार-विमर्श जारी है। लेकिन छोटी दूरी के लोगों को बसों से लाने ले जाने के ।

बात कही जा रही है। और केवल लंबी दूरी में फंसे लोगों के लिए ही राज्य सरकारें अपने अनुरोध रेल मंत्रालय के पास भेज सकते हैं। धन्यवाद

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