बड़ी खबर - भारत वैज्ञानिक बहुत नजदीक ! जल्दी आएगा कोरोना का टीका ...
बड़ी खबर - भारत वैज्ञानिक बहुत नजदीक ! जल्दी आएगा कोरोना का टीका ...

दुनिया का हर देश युद्ध की तरह vaccines को खोजने में लगे है। सबको उस टीके का इंतजार है। जिसमें कोरोनावायरस को खत्म करने का दम है। ऐसे में पीएम मोदी ने भी देश के युवा वैज्ञानिकों से विश्व कल्याण के लिए आगे आने की अपील की है।

  1. आज भारत के पास
  2. भले सीमित संसाधन हो

  3. लेकिन

  4. मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से

  5. विशेष आग्रह

  6. विश्व कल्याण के लिए मानव कल्याण के लिए

  7. मेरे नौजवान साथियों आप आ गया है

कोरोनावायरस vaccines बनाने का मेरे देश के नौजवान मेरे देश के वैज्ञानिक बीड़ा उठाएं। इनके अपील से वैज्ञानिकों को नई ऊर्जा मिली है। इस बीच हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह के शोध हो रहे हैं।

ऐसे हालात में जो भी किसी को नहीं पता कि आखिर कब तक vaccines बनकर तैयार होगी। मुंबई से एक अच्छी खबर आई है मुंबई में 90 साल पुरानी दवा पर रिसर्च की जा रही है।

और कोरोनावायरस जंग में इतने अच्छे नतीजे आए हैं। मुंबई के परेल में हाफ का इंस्टिट्यूट में इस दवाई पर रिसर्च की जा रही है। यह व्यक्ति बीपी जी अनिल अस्पताल में गिरी ने सचिन को बनाने में 1960 से 1921 के बीच 13 साल का वक्त लगा था। फ्रेंच बैक्टीरियोलॉजिस्ट अल्बर्ट काल में है और काल में गिरी ने मिलकर बनाया था।

vaccines coronavirus

अब तक बीपीजे का इस्तेमाल टीवी के मरीजों के लिए किया जाता है। लेकिन नतीजे बेहतर रहे तो कोरोनावायरस के खिलाफ दिए vaccines बड़ा हथियार बन सकती है।

कोरोनावायरस vaccines बनाने का काम मुंबई में ही नहीं महाराष्ट्र के पुणे में भी किया जा रहा है। पुणे केएनपीएल यानी राष्ट्रीय विज्ञान प्रयोगशाला के इनोवेशन पार्क में भी गोल बायोसॉल्यूशन के युवा वैज्ञानिक जुटे हुए हैं।

भारत की सैकड़ों स्टार्टअप कंपनीज लेते बिगुल बायोसॉल्यूशन को भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिस्ट टेक्नोलॉजी फंडिंग कर रही है ताकि जल्द से जल्द कोरोनावायरस की महामारी पर काबू पाने के लिए vaccines बनाया जा सके


बिगुल बायोसॉल्यूशन का दावा है। कि उनके वैज्ञानिक ऐसा vaccines में बनाएंगे जो कोरोनावायरस को इंसान के शरीर में खत्म कर देंगे उनका कहना है। कि हमारा जस्टिन वायरस है उसमें हम नेम इज द कंस्ट्रक्शन कंपनी इंडिया और उसमें कोरोनावायरस का जयंती जन क्रिएशन करके बोलते हैं।

एक प्रोटीन रहता है। तस्वीर के ऊपर तिल जैसा दिखता है। वह वह हम उठाकर मेदर भारत के स्ट्रक्चर पर लगा देंगे। और वह जो एक्टिव वायरस मेटेरियल है। वह हम आदमी के अंदर इंजेक्ट करेंगे। वह जब इंजेक्ट हो जाएगा। तो वह सफेद पीछे जो रहती है। वह एंटीबॉडीज बनाती है।

और वह एंटीबॉडी जो है। वह कोरोनावायरस के साथ लड़कर वह कोरोनावायरस को खा लेगा कोरोनावायरस के वैक्सीन को लेकर भारत में कई कंपनियां लगातार काम कर रही है।

इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया वेस्ट इन बनाने का काम कर रही है अमेरिका की कंपनी कोटा जिले के साथ वैक्सिंग पर काम किया जा रहा है। जानवरों पर इसका परीक्षण हो चुका है। वहीं सीजर लैंड की कंपनी कनोपी पाश्चर के साथ भी भारत काम कर रहा है। जोकि हैदराबाद


भारत बायोटेक दिखात वक्त इंतजार कर रही है। इस वक्त इनको क्लोरोफिल नाम दिया गया है। कंपनी ने इसका परीक्षण भी शुरू कर दिया है। कोरोनावायरस में के लिए वैक्सीन बनाने का काम युद्ध स्तर पर और लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो कई टेस्ट में गुजरने के बाद 2021 से पहले व्यक्ति में बनकर तैयार कर पाना मुमकिन नहीं है।

अगर बन भी जाती है। तो इतनी बड़ी तादाद में भक्त इनका उत्पादन भीतर दर्द का काम है। फिलहाल तो उम्मीद पर दुनिया टिकी है। करोना के संकट को देखते हुए भारत सरकार ने जिस तेजी से निर्णय लिए उसकी प्रशंसा विश्व स्वास्थ्य संगठन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे संगठन भी कर चुके हैं।

कोरोनावायरस के भारत के तरीके की दुनिया भर में सराहना हो रही है। एयरलाइन ने भी भारत की तारीफ की है। हालांकि उसका तरीका थोड़ा अनूठा रहा दरअसल स्विट्जरलैंड ने आज के मैटर हॉर्न पर्वत पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की रोशनी की रोशनी के जरिए तुझे मैंने कोरोनावायरस महामारी के जीतने की उम्मीद और जज्बे का संदेश दिया। से ज्यादा देशों के लिए भारत एक संकटमोचक है

फिर मिलते हैं दोस्तों धन्यवाद