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क्यों 10 लाख रु लीटर बिक रहा कोरोना के मरीजों का खून


देश-दुनिया के साइंटिस्ट और डॉक्टर भी यही बात कह रहे हैं। कि भारत इसीलिए कोविड-19 की भयावह स्थितियों से बच जाएगा। क्योंकि यहां की आम गरीब किसान मजदूर कामगार जैसे मेहनत के शो की इम्यूनिटी बेहद मजबूत है।

वायरस के जंगल में पलने बढ़ने वाला भारतीय श्रमिक उस मोगली की तरह जो विपरीत परिस्थितियों में जीना जानता है। मोगली जैसे मजबूत मजदूर को मजबूर करने वाली शेर खान से बचाना पड़ेगा। जंगल बुक का शेर खान ही मोगली के लिए खतरा था।

यहां शेर खान मजदूर की भूख बेरोजगारी और बेबसी है। और उसकी कोरोना काल में हम मजदूरों के साथ कुछ ऐसा ही बर्ताव कर रहे हैं।

बीवी बच्चों के साथ भूख प्यास के आलम में भी जो पांच 700 किलोमीटर पैदल चलने इन्हें हल्के में मत लेना यही भारत की ताकत यही भारत की आत्मा है।

इन्हीं मेहनत के शो की मेहनत का पसीना रोज न जाने कितने जहरीले वायरस पी जाता है। भारत जैसे घनी आबादी वाले राष्ट्र को मेहनत के पसीने ने ही।

इटली और अमेरिका नहीं बनने दिया संक्रमण को भी हजम करने वाले भारतीय आम नागरिकों के फौलादी जिस्म कमाल के एंकर जिस्म बचपन से ही दो-चार वायरस बेअसर करने में अध्यक्ष एनके अमीन ऊटी पावर यानी प्रतिरोधक क्षमता इतनी मजबूत है।

कि इनकी नजदीक आकर कुरूनरी ना पड़ेगा देश में लॉक डाउन 17 मई तक बढ़ा दिए जाने के बाद अब विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूर और स्टूडेंट अपने घर वापस जाना चाहते हैं। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती यह है।

कि आपके घर तक जाने वाली ट्रेन का पता कैसे चले ट्रेन में सीट कैसे बुक घर से रेलवे स्टेशन तक जाया कैसे जाएं ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में है। हम आपको बता रहे हैं। सही तरीका आता कि आप सुरक्षित अपने राज्य वापस पहुंच सके रेलवे स्टेशन या बस अड्डे भूल से भी ना जाए।

अगर आपको लग रहा है। कि अपने घर जाने के लिए किसी तरह रेलवे स्टेशन या बस अड्डे पहुंच जाने से काम बन जाएगा। तो आप गलत है। दरअसल किसी भी रेलवे स्टेशन या बस अड्डा।

टिकट घर नहीं खुले हैं। इसके अलावा इन जगहों पर बिना इजाजत प्रवेश की अनुमति भी नहीं है। और अगर किसी तरह जुगाड़ लगाकर रेलवे स्टेशन या बस अड्डे पहुंच भी गए।

तो अभी आपका काम नहीं बनने वाला लोकल डीएम ऑफिस या ट्रांसपोर्ट विभाग से संपर्क करें जानकारों का कहना है। कि अगर किसी अन्य शहर में फंसे हैं। और अपने घर वापस जाना चाहते हैं।

तो आपको स्थानीय डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट दफ्तर से फोन करके संपर्क करना होगा। इसके अलावा स्थानीय ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से भी फोन करके जानकारी ले सकते हैं। जिला अधिकारी ऑफिस या ट्रांसपोर्ट विभाग ही। आपको अपने राज्य तक जाने वाली ट्रेन या बस की जानकारी उपलब्ध करा सकेंगे।

इन दोनों विभागों से स्पेशल ट्रेन या बस की सही। जानकारी और प्रस्थान की जगह सुनिश्चित करने के बाद ही घर से निकलें केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अपने स्थानीय निवासियों को वापस लाने की इजाजत दे दी है।

ऐसे में विभिन्न राज्य सरकार एक दूसरे से तालमेल बिठाकर स्पेशल ट्रेन या बस की व्यवस्था कर रही है। बताते चले कि फिलहाल यात्रा के लिए रेलवे स्टेशन या बस अड्डे में कोई टिकट नहीं मिल रही यहां।

सीधे पहुंच जाने से कोई सफलता हाथ नहीं लगेगी। वहीं दोस्तों दूसरी सबसे बड़ी हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है ।आपको यकीन नहीं होगा ₹1000000 प्रति लीटर बिक रहा है कोरोनावायरस हुए मरीजों का खून। इंटरनेट पर अवैध तरीके से कोरोनावायरस के मरीजों के खून की बिक्री की जा रही है ।

कोरोनावायरस इनके नाम पर मरीजों के खून को डार्क नेट पर भेजा जा रहा है। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। कि डॉट नेट पर मौजूद सेलर अलग-अलग देशों से शॉपिंग करके विदेशों में डिलीवरी करा रहे हैं।

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक जिंदगी भर के लिए कोरोनावायरस बनाने के दावे के साथ कोरोना मत दो के ब्लड को लाखों रुपए में बेचा जा रहा है। 1 लीटर ब्लड का दाम ₹1000000 तक रखा गया है।

हालांकि ब्लड के साथ अवैध रूप से पीपी मॉक टेस्ट किट सहित अन्य सामान भी ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की नेशनल यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 12 अलग-अलग डॉट नेट मार्केट पर यह सामान बेचे जा रहे हैं।

डार्क नेट पर ऐसा दावा किया जा रहा है। कि दुनिया भर में कोरोनावायरस इलाज कर रहे। डॉक्टर के जरिए पीपीई और अन्य सामान हासिल किए गए हैं। बेचने वाले इन सामानों को अलग-अलग देशों में डिलीवरी कराने को भी तैयार है।

ज्यादातर ऐसे प्रोडक्ट अमेरिका से जबकि कुछ प्रोडक्ट यूरोप ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से शॉपिंग के लिए मौजूद थे।

कोरोनावायरस के मरीजों के प्लाज्मा के जरिए अन्य मरीजों के इलाज से जुड़ी कुछ रिपोर्ट सामने आई है। लेकिन प्लाज्मा थेरेपी के खतरे भी हैं। और इससे लोगों की जान भी जा सकती है।

फिलहाल डॉक्टर प्रयोग के तौर पर कुछ खास परिस्थिति नहीं स्थिति बहुत मार रहे हैं। प्रमुख रिसर्च रोड ब्रॉड हाउस ने कहा है।

कि महामारी के वक्त कुछ लोग आपराधिक तरीके से कमाई की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में बढ़ सकता है। इसलिए कड़ी मॉनिटरिंग की जरूरत है।

ताकि से बंद किया जा सके ब्रॉडहर्स्ट ने कहा कि हमने पाया कि असुरक्षित व्यक्ति नौर एंटीवायरल दवाइयां भी डार्क नेट पर लोगों को बेची जा रही है।

भारी मात्रा में पी पी की भी बिक्री हो रही है क्योंकि बाजार में इसकी कमी बनी हुई है वहीं ऑस्ट्रेलिया

इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी के डिप्टी डायरेक्टर रेड ब्राउन ने कहा कि इन चीजों की बिक्री से लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। दोस्तों ऐसी अन्य जानकारी के लिए धनबाद

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