दोस्तों नमस्कार! भारतीय सेना देश के लिए हमेशा तैनात रहती है। दुश्मन हो या देश पर कोई विपत्ति आज आए थे ना हमेशा मजबूत इरादों के साथ मैदान पर डटी रहती है। यही वजह है।कि कोरोना कॉल में भी भारतीय सेना के तीनों ही बेवकूफी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए देश सेवा में जुटे हुए हैंl
इस कड़ी में भारतीय नौ सेना कोरोना के कारण खाड़ी देशों में फंसे हुए लोगों की मदद के लिए सामने आई है। दुनिया भर के लिए कोरोनावायरस एक बड़ी समस्या बन चुकी है। इसकी वजह से दुनियाभर के लाखों लोग संक्रमित हैंं। और इसकी वजह से दुनियाभर के देशों में लाखों लोगों ने अपनी जाने भी गवाही है। जिसके बाद हर एक देश की सरकार ने एहतियातन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध परिवहन सेवाओं पर रोक और यहां तक कि अपने देश में लॉग डाउन ऐलान कर दिया है।
ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित रखा जा सके। लेकिन इस बीच अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक की वजह से अन्य देशों के कई लोग दूसरे देशों में फंसते गए कई भारतीय भी अन्य देशों में फंसे हुए है। हालांकि भारत सरकार ने कई देशों में फंसे अपने लोगों को एअरलिफ्ट किया है। और उन्हें वापस!
अपने देश लाया लेकिन इसके बावजूद भी कई लोग अब भी दूसरे देशों में फंसे हैंl जिनको वापस लाने के लिए भारतीय नौसेना ने कमर कस ली हैl भारतीय नौसेना ने खाड़ी देशों में फंसे भारतीय लोगों को वापस लाने के लिए अपने लैंडिंग प्लेटफार्म चौक युद्धपोत आईएनएस जलाल और दो मगर श्रेणी के युद्ध पोतों के साथ पूरी तैयारी कर ली हैl
आइए नेजलास्ट विशाखापट्टनम जबकि मगर श्रेणी के दोनों युद्धपोत को चित्रित दक्षिणी नौसेना कमान वेतन आता है इन युद्ध पोतों को स्टैंड बाई मोड पर रखा गयाl और आदेश जारी होने के बाद इन्हें तुरंत रवाना कर दिया जाएगाl नौसेना और वायु सेना को खाड़ी देशों के भारतीयों को बड़े पैमाने पर निकालने के लिए अपने युद्ध पोतों और विमानों को उत्तम भाई में रखने को कहा गया हैl सरकार को सौंपी विस्तृत योजना में नौसेना ने कहा हैl कि वह अपने तीन युद्ध पोतों में खाड़ी देशों से 15 को भारतीयों को निकालने की योजना पर काम कर रही हैl गौरतलब हैl कि अब तक भारत ने कई देशों में फंसे अपने लोगों को एयरलिफ्ट किया जिसमें भारतीय सेनाओं ने अपना योगदान दियाl
और सिर्फ इतना नहीं बल्कि भारतीय नौसेना नहीं दुनिया के कई देशों को भी राहत सामग्री और चिकित्सीय उपकरण पहुंचा चुका है। अब वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी वैज्ञानिक एक बड़ी खुशखबरी लेकर आए हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के नमूनों पर नया शोध किया है। इस शोध में यह पाया गया।
कि अगर धूप हो तापमान 22 डिग्री सेल्सियस अधिक हो। और नमी 80% हो तो जमीन पर वायरस की संख्या हर 2 मिनट में आधी हो जाती है। अमेरिका की नेशनल बायोडिफेंस एनालिसिस एंड काउंटरमीजर्स सेंटर यानी एनबीईटी के वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में फैली महामारी कोरोना के नमूनों पर 6 नीतियों पर अध्ययन किया है। इस अध्ययन में अलग-अलग तापमान और। रवि के साथ धूप और बिना धूप की स्थिति में।वायरस की लाइट को परखा गया। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया। कि सूरज की रोशनी में वायरस के कण जल्दी खत्म हो रहे हैं।लेकिन तापमान ज्यादा भी हो। और धूप नहीं हो तो वायरस ज्यादा देर तक रहता हैl वायरस में इंस्टिट्यूट ऑफ़ लीवर एंड बिलिअरी शैतानी आईएलबीएस वायरोलॉजी विभाग के।
अमेरिका के लिए आगे कोरोनावायरस बहुत अच्छी नही है। लेकिन संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस जाने का खतरा पहले की तरह बना रहेगा। लिहाजा संक्रमण से बचने के लिए स्पेशल डिस्टेंसिंग और जरूरी है। ठंड में इतनी भारी तत्व खड़ी हो जाती है। जिससे इसके ऊपर एक और परत चढ़ा जाति और वर्ग ज्यादा लचीला हो जाता है। यही वजह के सेवारत ठंड में ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं।
वहीं तीसरी खबर कुवैत से आ रही है। जहां एक और पूरी दुनिया इस चीनी वायरस से परेशान है। और इसके इलाज में एकजुट होकर काम कर रही है। वहीं दूसरी और कुछ देश ऐसे भी है। जो भारत के प्रति अपनी भड़ास निकालने से बाज नहीं आ रही दरअसल यहां बात हो रही है। कुवैत की संयुक्त अरब अमीरात का ही देश मौका देखते ही भारत की आलोचना करने में सबसे आगे रहा। हाल ही में कुवैत ने सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ ऐसा जहर उगला किस भारतीय विदेश मंत्रालय को कुवैत की अकल ठिकाने लगानी पड़ी। 24 घंटे के अंदर कुवैत भारत के माफी मांगने पर मजबूर हो गया। आखिर क्यों दरअसल आप सभी को
बीते रविवार को कुवैत के काउंसिल ऑफ मिनिस्टर हरियानी वहां के मंत्रिमंडल परिषद ने अपने ट्विटर हैंडल पर बिना कुछ सोचे समझे यह ट्वीट पोस्ट कर दिया था। कि भारत में कथित तौर पर मुस्लिमों पर अत्याचार एवं भेदभाव किया जा रहा है। तक कि उन्होंने इस पोस्ट में भारत सरकार की आलोचना भी की है। लेकिन जब भारतीय विदेश मंत्रालय तक ही खबर पहुंची तो मंत्रालय भी फौरन हरकत में आकर इस मामले को अपने हाथों में ले लिया। आपको बता दे भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव जी ने अपने बयान में कुवैत को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा है। कि हमने कुवैत के गैर आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट को देखा है।
जिसने भारत के संदर्भ में कुछ कड़क स्वीट पोस्ट किए गए हैं। कुवैत की सरकार ने हमें आश्वासन दिया था। कि भारत के साथ सुमित के संबंध अच्छे रहेंगे वे भारत के आंतरिक मामलों में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेंगे पर अब ऐसा लगने लगा है। कि कुवैत की सरकार अपने वादे से मुकर रही है। अब भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ साफ शब्दों में कुवैत पर कहा कि अगर वह हमारे अंदरूनी मामले में। हस्तक्षेप करना नहीं छोड़ते।
दोनों देशों के संबंधों पर बुरा असर पड़ेगा। ही लेकिन निकट भविष्य में हम आपको किसी भी प्रकार की सहायता नहीं करेंगे आपको बता दे। मौजूदा परिस्थिति में भारत चीन के मुकाबले कुवैत को ज्यादा से ज्यादा मेडिकल की सप्लाई कर रहा। हाल ही में जब कुवैत की सरकार ने भारत को मेडिकल टीम की मदद मांगी थी तो भारतीय वायु सेना ने तत्परता दिखाते हुए 11 अप्रैल को आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विसेज के 15 डॉक्टर की टीम कुवैत को रवाना की थी। अब यही कुवैत जब भारत विरोधी नारेबाजी करने लगा। जो भारत सरकार को बिल्कुल भी रास नहीं आया।
जब भारतीय विदेश मंत्रालय ने इतने कड़े शब्दों में कुवैत के अवैध पूछ पर अपनी प्रतिक्रिया दी तो कुवैत मानव मोम की तरह पिघल गया। और यह कहने पर मजबूर हो गया। कि हम भारत के साथ अपने रिश्ते को ज्यादा अहमियत देते हैं। और आगे से भारत के किसी भी आंतरिक मामलों में दखलंदाजी नहीं करेंगे। मतलब हम यहां पर कह सकते हैं। कि भारत में सिर्फ 24 घंटों के भीतर ही कुवेत को घुटनों के बल झुका दिया। तो दोस्तो आप सभी की क्या राय है भारत में इस समय पर सिर्फ एक
वेद को अपनी तरफ ला दिया तुझसे भारत अपने इंटरनेशनल डिप्लोमेसी को लेकर कितना मुक्ता है। रहता से जाहिर होता है वैसे इसके बारे में आपके क्या विचार है हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताना ऐसी जानकारी के लिए धन्यवाद
दोस्तों नमस्कार
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