मोदी का चीन के खिलाफ बड़ा एक्शन , अब 5 साल तक बूरी तरह रोयेगा चीन

पूरी दुनिया को इस बात का शक हैl कि कोरोना कर खलनायक की चीन हैl कोई देश से दबी जुबान में तो कोई देश खुलकर चीन की खिलाफत में खड़ा हो रहा हैl धीरे-धीरे ही सही पूरी दुनिया चीन के खिलाफ एकजुट हो रही हैl दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका कोरोना का सबसे बड़ा शिकार हुआ हमारी मानेतो कोरोनावायरस ओपरेशन चीन की तैयारी शुरू कर दी हैl

जब अमेरिका ने अपनी एक्सपोर्ट की टीम चीन को भेजि यह पता करने की कोरोनावायरस कैसे हुआ तो चीन ने अमेरिका के इस ऑपरेशन को चलने की इजाजत नहीं दीl अपने देश में घुसने नहीं दियाl सुनहरे बालों वाला ट्रंप इन की ऐसी की तैसी करने का प्लान बना रहा हैl वहीं पर दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी जी ने वह कर दिया जो देश को कोई प्रधानमंत्री नहीं कर सकाl अब ड्रैगन खरीद नहीं सकेगाl कोरोनावायरस डूबते भारतीय बाजार को जी हां मोदी ने भारत में हो रही चीनी निवेश पर घातक वार कर डाला

चीनी सरकार हो या चीन की कोई प्राइवेट कंपनी हो या चीन की कोई इंडिविजुअल इन्वेस्टर हो कोई भी बिना भारत सरकार की अनुमति के भारत में कंपनी नहीं लगा सकेगाl भारत की कंपनी के शेयर नहीं खरीद सकेगाl प्रधानमंत्री मोदी का एक जबरदस्त वार हैl चीन की इस घिनौनी चाल पर जो उसने पूरी दुनिया के साथ खेली है पहले तो चीन से उपजी कोरोना की हत्यारी लहर नहीं पूरे विश्व को खून के आंसू रोने पर मजबूर कर दिया फिर खबरें आई कि चीन ने अपने यहां गुप्त तरीके से न्यूक्लियर टेस्ट कर डाला इस वैश्विक महामारी के दौर में और उसके बाद जब पूरे विश्व में आज लगभग लोगों की स्थिति बनी हुई हैl जब दुनिया की बड़ी से बड़ी कंपनी की टॉक वैल्यू भी रही हैl तब चीन ने नया पैंतरा खेल दिया हैl चीन ने लगातार फॉरेन इन्वेस्टमेंट बढ़ा दिया हैl पूरे विश्व में जिन बड़ी बड़ी कंपनी के शेयर गिरे हैंl अब चीन वहां निवेश कर दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने का घिनौना खेल खेल रहा हैl लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल्कुल जर्मनी की राह पर चलते हुए

सही फैसला लेते हुए लॉग डाउन के बीच में ही चीनी निवेश पर रोक लगा दी हैl दोस्तों कहीं बात दुनिया के किसी कोने की खबर आती हैl और हम तक पहुंचती हैl जो कि आमतौर पर इंग्लिश में कुछ लोगों को इंग्लिश समझ में नहीं मुश्किल भी आती है पढ़ नहीं पाते तो उसके लिए एक ऐप है u-dictionary चुकी थी भारत की कंपनी को बचाने के लिए मोदी सरकार ने जो फैसला लिया हैl उसका बहुत ही बेसब्री से इंतजार किया जा रहा थाl दरअसल कोरोना महामारी संकट के बीच मोदी सरकार ने अवसरवादी अधिग्रहण पर अंकुश लगाने के लिए मौजूदा फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट यानी एफडीआई के नियमों में बदलाव किया हैl और इस नए नियम के तहत जो भी देश भारत के पड़ोसी वहां की कंपनी याl फिर निवेशक भारत सरकार की अनुमति के बिना निवेश नहीं करता महामारी का सबसे खराब दौर चीन में खत्म हो चुका हैl वहीं भारत की कई लिस्टेड और लिस्टेड

कंपनी का वैल्यूएशन आकर्षक दिख रहा हैl पेटीएम मोबिलिटी e-commerce सेक्टर रिन्यूएबल एनर्जी फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरिंग इन लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर में चीन के निवेशकों की दर से बढ़ी हैl आप नए नियम के तहत चीन को किसी भी तरह का निवेश करने के लिए भारत की सरकार से अनुमति लेनी होगी हालांकि चीन को इस बात का डर पहले से ही बता रहा थाl क्योंकि चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने की जानकारी दी थी कि भारत जल्द ही चीनी कंपनी के निवेश करने की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा सकता हैl लेकिन अब चीनी अखबार के लिए यह बात सही साबित हुई हैl दरअसल पिछले दिनों चाइना की सेंट्रल बैंक ने एचडीएफसी में करोड़ों शेयर खरीदे थेl जिससे उसकी हिस्सेदारी कंपनी में 1 फ़ीसदी से थोड़ी ज्यादा हो गईl और कोरोनावायरस महामारी के बीच चीन के किसी भी निवेशक कोष्टक की नजरिया से देखा जाने लगाl था कि कैसे चीन पूरी दुनिया में अपना निवेश टीवी पर बढ़ा रहा हैl क्योंकि कोरोनावायरस के कारण पूरी

इंडिया के शेयर मार्केट क्रैश हो गया हैl इस वजह से दुनियाभर की कंपनी के शेयर के भाव भी गिर चुके और चीन इन सब से शेयर को खरीदकर दुनिया भर की कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में लगा हैl अभी काम करने के लिए चीन के पास विदेशी मुद्रा भंडार की कोई कमी नहीं हैl क्योंकि अभी भी चीन के पास पूरे $3000 से ज्यादा यानी 3 ट्रिलियन डॉलर परदादा का विदेशी मुद्रा भंडार पड़ा हैl ऐसे में भारत ने चीन के निवेश को खतरे के रूप में महसूस कियाl और अपने नए नियम के तहत चीन की सरकार हो या चीन की कंपनी या फिर इंडिविजुअल किसी भी तरह के निवेश करने के लिए भारत सरकार से परमिशन लेनी पड़ेगीl ऐसी व्यवस्था बनाती हैl वैसे ही सवाल हम अपनी ऑडियंस से पूछना चाहते हैं कि आपको लगता है चीन ने खुद कोरोनावायरस कहा लाया जिससे पूरे विश्व में लॉक हो जाए अर्थव्यवस्था चरमरा जाहिर मार्केट गिर जाए और उसके बाद चीन अपना निवेश शुरू कर दें क्योंकि यह भी एक एंगल हो सकता हैl दोस्तों ऐसे ही हर जानकारी के लिए धन्यवाद